गर्म होने की संभावना है। बता दें कि प्रज्ञा ठाकुर ने लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के वरिष्ठराजनेता और दोबार के पूर्व मुख्यमंत्री रहे दिग्विजय सिंह को हराया था। बॉम्बे हाईकोर्ट ने आतंकी हमले की आरोपी मौजूदा सांसद को अप्रैल 2017 में खराब स्वास्थ्य के आधार पर जमानत मंजूर की थी। इससे पहले राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने प्रज्ञा पर महाराष्ट्र कंट्रोल ऑफ ऑर्गनाइज्ड क्राइम एक्ट के हालांकि, अदालत ने साध्वी पर मकोका के तहत लगाए गए आरोपों को खारिज कर दिया था। अभी साध्वी प्रज्ञा सिंहठाकर पर गैरकाननी गतिविधियां (निरोधक) एक्ट के तहत कई मामलों में मुकदमा चल रहा है। इससे पहले चुनाव जीतने के बाद ही साध्वी का नाम लगातार विवादों में आता रहा है। चुनाव जीतने के बाद लोकसभा में उनके शपथलन के समय ही विवाद हो गया था। उन्होंने अपना नाम साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर पूर्णचेतनानंद अवधेशानंद गिरी बोला था। इतना ही नहीं शपथ पूरी करने के बाद उन्होंने भारत माता की जय बोला। उन्होंने संस्कतमंशपथ लीथी। कांग्रससमेत लोकसभा सदस्यों ने उनके नाम पर आपत्ति जताई थी। बाद में अध्यक्ष के हस्तक्षेप के बाद यह मामला शांत हुआ था।
साध्वी प्रज्ञा को रक्षा मंत्रालय की संसदीय समिति में मिली जगह